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इसके बाद मै ने दृष्टि की, और देखो, हर एक जाति और कुल और लोग और भाषा में से एक ऐसी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था,श्वेत वस्त्र पहिने और अपने हाथों मे खजूर की ङालियाँ लिये सिं हासन के सामने और मेम्ने के सामने खड़ी है, और बड़े शब्द से पुकारकर कहती है," उद्धार के लिये हमारे परमेश्वर का, जो सिंहासन पर बैठा है, और मेम्ने का जय- जय कार हो।"

                                                                                                                                                                                          (प्रकाशितवाक्य ७:९)

 

 

सिरमौर- सिरमौर भारत में हिमाचल प्रदेश का लगभग दक्षिण पश्चिमी जिला है यह मुख्य रुप से पहाड़ी और ग्रामीण इलाका है। जिसमें 90 प्रतिशत जनसख्यां गावं में रहती है। इसमें नाहन नाम का नगर सम्मिलित है जो की सिरमौर की राजधानी हुआ करती थी। साथ ही साथ सुकेती में शिवालीक जीवावषेश पार्क है जहां लाखों साल पुराने जीवावषेश पाऐ गए है। इस जिले में दस तैहसिले पाइ जाती है जिनके नाम नाहन, ददाऊ, संगड़ाह, शिलाई, पाँवटा साहिब, कमरऊ, सरांह, पच्छात, रेणुका, राजगड़ है। यहां आय का मुख्य साधन खेती बाड़ी है। यहां के किसान अदरक और आलु की खेती करते है। सिरमौर अच्छी किस्म के आड़ु के लिए काफी प्रसिद्ध है। जो ज्यादा तर राजगड़ इलाके में पाया जाता है और इसको आड़ु का प्याला भी कहा जाता है। पांवटा साहिब तैहसिल के इलाके धौला कुआं नामक जगह में सरकारी फल निरीक्षण केन्द्र है। सिरमौर जिसमें आम और सेब की खेती की जाती है। इन दिनों में किसान टमाटर की खेती भी पसंद कर रहें है। गिरी नदी सिरमौर जिले को दो भागों में बाटती है गिरी वार और गिरी पार।       

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